ऐब भी बहुत हैं मुझमे और खूबियां भी ढूँढने वाले तू सोच तुझे चाहिए क्या मुझमे.. खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते, बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते.. फिर आज आँसुओं में नहाई हुई है रात, शायद हमारी तरह ही सताई हुई है रात। सच तो ये है कि हम बस तेरे हुए और तुम मुझे छोड़ सबके अजीब सी फितरत है हम इंसानों की निशानियां महफूज रखते हैं और लोगों को खो देते हैं✍️ ना चाहते हुए भी छोड़ना पड़ता हैं किसी को, कुछ मजबूरियाँ मोहब्बत से भी ज्यादा गहरी होती हैं.! "ऐ इश्क़ जन्नत नसीब न होगी तुझे, बड़े मासूम लोगों को तूने बरबाद किया है !!" किसे मालूम था इश्क़ इस कदर लाचार करता है दिल जानता है कि वो दुर है, फिर भी प्यार करता है चालाकियां नहीं आतीं मुझे, तुझे रिझाने की... मेरी सादगी पसंद आये तो बात आगे बढ़ाना.. . हद से गुजर गए हम आपको चाहने में, आप ही उलझे रहे हमको आजमाने मे इंतज़ार करने की...